YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Monday, April 16, 2012

प्रधानमंत्री पद के सच्चे दावेदार नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली।। भाजपा (बीजेपी) में प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारों में मची होड़ को किनारे करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पूरी तरह से नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा हो गया है। संघ का कहना है कि गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से नरेंद्र मोदी को असंदिग्ध ('क्लीन चिट') मिलने के बाद अब उन्हें और अग्नि परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है। संघ ने मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने का भरपूर समर्थन करते हुए कहा है कि देश उनकी प्रतीक्षा कर रहा है। 
ब्लॉग: 'मैं चाहती हूं आडवाणी कभी PM न बनें' संघ के मुखपत्र पांचजन्य के संपादकीय में कहा गया है कि गुजरात दंगों के समय अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में 69 लोगों के जिंदा जलाए जाने की घटना के बारे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट में मोदी समेत 62 लोगों को असंदिग्ध (क्लीन चिट) दिया जाना उन मोदी विरोधियों के मुंह पर तमाचा है, जो विगत 10 वर्ष से मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाकर मोदी की राक्षसी छवि बनाने में लगे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए इसमें कहा गया है कि यूपीए अध्यक्ष द्वारा कभी मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा जाना आज कांग्रेस को ही मुंह चिढ़ा रहा है, जब एक सर्वेक्षण में देश के प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी को 24% लोगों ने और कांग्रेस के 'तारणहार माने जाने वाले युवराज' राहुल गांधी को मात्र 17% लोगों ने ही पसंद किया। मुस्लिमों के बीच भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ने का दावा करते हुए संपादकीय में कहा गया है, 'यहां तक कि अमेरिका की टाइम मैगज़ीन भी मोदी को भारत के आगामी प्रधानमंत्री के रूप में देख रही है, जो राहुल के मुकाबले बहुत सशक्त दावेदार हैं। ...अब देश की जनता गुजरात के बाहर मोदी की राष्ट्रीय भूमिका की प्रतीक्षा कर रही है।'
संघ के मुखपत्र में कहा गया है कि अमेरिका की इस विश्व प्रसिद्ध मैगज़ीन में मोदी के काम-काज पर कवर स्टोरी प्रकाशित किया जाना और उन्हें विश्व की प्रमुख और प्रभावी हस्तियों में गिना जाना मोदी पर बलात थोपी गई उनकी 'मुस्लिम विरोधी खलनायक' की छवि का करारा जवाब है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात दंगों के समय कभी मोदी को 'राजधर्म' निभाने की सलाह दी थी, हालांकि संपादकीय में कहा गया है, 'दुष्प्रचार से निश्चिन्त मोदी गुजरात में सुशासन, विकास व सामाजिक सद्भाव निर्माण के अपने राजधर्म में पूरी तन्मयता से लगे हैं।' इसमें कहा गया कि इसका परिणाम सामने है कि मोदी विरोधी अलग-थलग पड़ गए हैं, उनकी विश्वसनीयता शुन्य हो गई है और गुजरात पूरी तरह इस हिन्दुत्वनिष्ठ, समाजसेवी और कुशल प्रशासक राजनेता के साथ खड़ा है।'
मोदी की और कितनी अग्नि परीक्षाएं?' शीर्षक से प्रकाशित इस संपादकीय में कहा गया है कि एसआईटी की रिपोर्ट के बाद कम से कम अब मोदी के विरुद्ध इस दुष्प्रचार को समाप्त होना चाहिए, क्योंकि कई अवसरों पर यह सफेद झूठ उजागर हो चुका है। पांचजन्य ने कहा है, 'प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल के मुकाबले मोदी के पक्ष में देश की जनता है। इस सचाई के सामने तो कांग्रेस की शह पर जुटी पूरी सेकुलर जमात (शर्म निरपेक्ष) का मोदी विरोधी दुष्प्रचार का षड्यंत्र ध्वस्त होता दिखाई पड़ रहा है। जिन मोदी के नाम पर मुस्लिमों को बरगलाकर उनके वोट बटोरने की जुगत में ये तत्व जुटे रहते थे, आज वही मोदी अपनी हिन्दुत्वनिष्ठ दृढ़ता और लोकहितकारी प्रशासनिक कौशल के कारण कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती के रूप में खड़े हैं, जिनके सामने कांग्रेसी नेतृत्व बेहद बौना दिखता है। देश की जनता और अधिसंख्य मुस्लिमों के बीच भी मोदी की लोकप्रियता का स्तर निरंतर बढ़ रहा है।'
किन्तु शर्म निरपेक्ष दुष्प्रचार अब भी नहीं रुकेगा क्योंकि शर्म निरपेक्ष सोच का स्तर है- 
कारनामे घृणित हों कितने ही शर्म फिर भी हमें नहीं आती, 
मैं हूँ एक शर्म निरपेक्ष शर्म मुझको तभी नहीं आती

No comments: