YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Thursday, November 21, 2013

ऐसा कैसे होता है ?

ऐसा कैसे होता है ?

बृहस्पतिवार, 21 नवम्बर 2013


ऐसा कैसे होता है ? এটা কেমন? તે કેવી રીતે છે? तो कसा आहे? ਐਵੇਂ ਕਿਦ੍ਦਾ ਹੋਂਦਾ ਏ ? 
ಇದು ಹೇಗೆ?   இது எப்படி இருக்கிறது?    అది ఎలా?   How is it? 
कम्पू जी,
Current Qजब देश को बेशर्मी से लूटा जाता है, नेता को न न्याय का भय, 
न 5 वर्षीय लोकतन्त्री कुम्भ में जनता का होता है। बल्कि सत्ता में बने रहने का विश्वास होता है। .....Read full, all laguages
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इतिहास को सही दृष्टी से परखें। गौरव जगाएं, भूलें सुधारें।
आइये, आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा । तिलक YDMS

Saturday, November 16, 2013

दिल्ली विधानसभा चुनाव हेतु भाजपा प्रत्याशी

Thursday, November 14, 2013

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशियों की सूची 62 +7

क्र सं, क्षे सं, क्षेका नाम, प्रत्याशी का नाम सहित,
 अं-रा व्या मेला 14 -27 नवं का उद्घाटन

Friday, November 15, 2013

भा अं-रा व्या मेला 14 -27 नवं का उद्घाटन
युदस, नदि: हर वर्ष कि भांति भा अं-रा व्या मेला 14 -27 नवं का दिल्ली के प्रगति मैदान में उद्घाटन हुआ।  मेले में विभिन्न मंडपों के उद्घाटन में बिहार की उद्योग मंत्री, व महाराष्ट्र निदेशक आई आई टी आर के शिवगाओंकर मुख्य अतिथि रहे।

Thursday, November 14, 2013

दिल्ली विधानसभा चुनाव हेतु भाजपा प्रत्याशी

दिल्ली विधानसभा चुनाव हेतु भाजपा प्रत्याशी
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशियों की सूची 62 +7
क्र सं, क्षे सं, क्षेका नाम, प्रत्याशी का नाम सहित,
1.    1   नरेला -नीलदमन खत्री
2.    2   बुरारी -श्रीकृष्ण त्यागी
3.    5   बादली -विजय भगत
4.    6   रिठाला -कुलवंत राणा
5.    8   मुंडका -मनोज शौक़ीन
6.    9   किराड़ी -अनिल झा
7.   10   सुल्तानपुर माज़रा (अनु.जा) -सुशीला बागड़ी
8.   12   मंगोलपुरी (अनु.जा) -रामकिशोर नरवरिया
9.   13   रोहिणी -जयभगवान अग्रवाल
10.  14   शालीमार बाग -रविन्द्र बंसल
11.  15   शकूरबस्ती -श्याम लाल गर्ग
12.  16   त्रि नगर -नन्द किशोर गर्ग
13.  17   वज़ीरपुर -महेंद्र नागपाल
14.  18   मॉडल टाउन -अशोक गोयल
15.  19   सदर बाज़ार -जय प्रकाश
16.   20  चांदनी चौक -सुमन गुप्ता
17.   21   मटिया महल -मो.निजामुद्दीन, अधिवक्ता
18.   22   बल्लीमारान -मोतीलाल सोढ़ी
19.   23  करोल बाग -सुरेन्द्र रातावाल
20.   24  पटेल नगर -पूर्णिमा विद्यार्थी
21.   25  मोती नगर -सुभाष सचदेवा
22.   26  मादीपुर -कैलाश सांकला
23.   27  राजौरी गार्डन -अकाली दल ?
24.   28  हरी नगर -अकाली दल ?
25.   29  तिलक नगर -राजीव बब्बर
26.   30  जनकपुरी -जगदीश मुखी
27.   31  विकास पुरी -किशन गहलोत
28.   32  उत्तम नगर -पवन शर्मा
29.   33  द्वारका -प्रदुमन राजपूत
30.   34  मटियाला -राजेश गहलोत
31.   35  नज़फ़गढ़ -अजित खड़खड़ी
32.   36  बिजवासन -सतप्रकाश राणा
33.   37  पालम -धरमदेव सोलंकी
34.   38  दिल्ली केन्ट.-करण सिंह तंवर
35.   39 राजिंदर नगर -आर. पी. सिंह
36.   40  नई दिल्ली -विजेंद्र गुप्ता
37.   41  जंगपुरा -पंकज जैन
38.   42  कस्तूरबा नगर -शिखा राय
39.   43  मालवीय नगर -आरती मेहरा
40.   44  आर.के.पुरम -अनिल शर्मा
41.   45  महरौली -प्रवेश वर्मा
42.   47  देओली (अनु.जा) -गगन श्रीलाल प्रधान
43.   48  अम्बेडकर नगर (अनु.जा) -खुशीराम
44.   49  संगम विहार -डॉ. एस.सी.एल. गुप्ता
45.   50  ग्रेटर कैलाश -अजय मल्होत्रा
46.   51  कालकाजी -अकाली दल ?
47.   52  तुगलकाबाद -रमेश बिधूड़ी
48.   53  बदरपुर -राम वीर बिधूड़ी
49.   55  त्रिलोक पूरी (अनु.जा) -सुनील वैद्य
50.   56  कोंडली (अनु.जा) -दुष्यंत गौतम
51.   57  पटपडगंज -नकुल भारद्वाज
52.   58  लक्ष्मी नगर -अभय वर्मा
53.   59  विश्वास नगर -ओ.पी. शर्मा
54.   60  कृष्णा नगर -डॉ. हर्ष वर्धन
55.   61  गांधी नगर -आर.सी. जैन
56.   62  शाहदरा -अकाली दल
57.   64  रोहतास नगर -जितेन्द्र महाजन
58.   65  सीलमपुर -कौशल मिश्रा
59.   66  घोंडा -साहिब सिंह चौहान
60.   67  बाबरपुर -नरेश गौड़
61.   68  गोकुलपुरी -रंजीत कश्यप
62.   70  करावल नगर -मोहन सिंह बिष्ट
        03  तिमारपुर -रजनी अब्बी - पूर्व महापौर
        69  मुस्तफाबाद -जगदीश प्रधान
        63  सीमापुरी -रामपाल सिंह
        07  बवाना -गुग्गन सिंह
        46  छत्तरपुर- ब्रह्म सिंह तंवर
        04  आदर्स नगर -
        54  ओकला -
        11  नांगलोई जाट -       ।
दिल्ली विधान सभा के 70 क्षेत्रों में से 69 भाजपा प्रत्याशियों के नाम घोषित किये जा चुके हैं। केवल नांगलोई जाट का शेष है।  04,+4,

Saturday, November 9, 2013

'राष्ट्र-ऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगडी' एक जीवनी



'राष्ट्र-ऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगडी' एक जीवनी
हे राष्ट्र-ऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगडी - युगदर्पण मीडिया परिवार करता हैं, तुमको शत शत नमन!
श्री दत्तोपंत ठेंगडी - नमन! हे राष्ट्र-ऋषि तुमको
-विनोद बंसल, लेखक-9810949109

श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी का नाम मन में आते ही, उनके जीवन के विविध आयाम, अनायास ही मन-मस्तिष्क में उभर कर सामने आ जाते हैं। एक ज्येष्ठ स्वतंत्रता सेनानी, कुशल संघटक, अनेक राष्ट्र प्रेमी संगठनों के शिल्पकार, विख्यात विचारक, लेखक, संतो के समान त्यागी और संयमित जीवन जीने वाले, श्री दत्तोपंत जी ठेंगडी ने भारतीय किसानों व मजदूरों को ससम्मान जीवन जीने का अवसर तो प्रदान कराया ही, भारत की कीर्ति विश्व पटल पर अंकित करने में भी उन्होंने अनुपम भूमिका निभाई।

 10 नवंबर 1920 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के आर्वी शहर में जन्मे, श्री ठेंगडी एक प्रसिद्ध वकील श्री बाबुराव दाजीबा ठेंगडी के ज्येष्ठ पुत्र थे। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि, और सामाजिक कार्य के प्रति ललक ने, उन्हें विद्यार्थी जीवन में ही स्वतंत्रता संग्राम में उतार दिया। केवल 15 वर्ष की आयु में ही वे आर्वी तालुका नगरपालिका हाईस्कूल के अध्यक्ष चुने गए।

स्नातकोत्तर और विधि स्नातक की औपचारिक शिक्षा पूरी करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशवराव बलीराम हेडगेवार और श्री गुरूजी के जीवन से प्रेरणा लेकर सन 1942 से 1945 तक उन्होंने केरल जैसे ईसाई बाहुल्य राज्य और 1945 से 1948 तक साम्यवादियों के ग़ढ माने जाने वाले बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक के रूप में कार्य किया। इन दोंनों राज्यों में उस समय संघ कार्य करना अत्यन्त दुष्कर था, जिसे उन्होंने अपने परिश्रम व सूझ-बूझ से गति प्रदान की।

सन 1949 से वे मजदूर क्षेत्र की विविध समस्याओं के गहन अध्ययन में जुट गए और अक्तूबर 1950 में वे पहली बार इंटक (Indian National Trade Union Congress) की राष्ट्रीय परिषद सदस्य तथा मध्य प्रदेश इंटक शाखा के संगठन मंत्री चुने गए। 1952 से 1955 के मध्य कम्युनिस्ट प्रभावित ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (ए.आई बी.ई.ए.) नामक मजदूर संगठन के प्रांतीय संगठन मंत्री रहते हुए उन्होंने पोस्टल, जीवन-बीमा, रेल्वे, कपडा व कोयला उद्योग से संबंधित मजदूर संगठनों के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। इसी मध्य वे पत्रकारिता व लेखन जगत से भी जुडे और हिंदुस्तान समाचार नामक बहुभाषी समाचार संस्था के संगठन मंत्री बने।

1955 से 1959 के बीच मध्यप्रदेश तथा दक्षिणी प्रांतों में भारतीय जनसंघ की स्थापना और जगह-जगह पर जनसंघ का बीजारोपण करने का दायित्व भी ठेंगडी जी पर ही रहा। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1955 में ही पर्यावरण मंच तथा सर्व धर्म समादर मंच की स्थापना भी उन्होंने की।

23 जुलाई 1955 के दिन, उन्होंने छोटे छोटे मजदूर संघों को मिलाकर भारतीय मजदूर संघ (बी. एम. एस.) नामक एक ऐसे वट वृक्ष का बीजारोपण किया। जिसके बारे में उन्होंने भी शायद ही ऐसी कल्पना की होगी कि वह विश्व का सबसे बडा व सर्व श्रेष्ठ मजदूर संगठन बन जाएगा। देखते ही देखते बीएमएस आज मात्र एक संगठन ही नहीं, बल्कि संगठनों का संगठन बन, मजदूरों व मालिकों के विविध संगठनों के बीच एक बडी कडी बन गया है। एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 50 लाख को पार कर चुकी है।

1967 में उन्होंने भारतीय श्रम अन्वेषण केन्द्र व 1990 में स्वदेशी जागरण मंच की नींव डाली। राज्य सभा के सदस्य रहते, संसदीय कार्यकाल में मजदूर संघ का प्रतिनिधित्व करते हुए, उन्होंने अनेक बार विदेश यात्रा की। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व व विदेशों के मजदूर आन्दोलनों का अध्ययन करने हेतू उन्होंने अमेरिका, युगोस्लाविया, चीन, कनाडा, ब्रिटेन, रूस, इंडोनेशिया, म्यानमार, थाईलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर, कीनिया, युगांडा तथा तंजानिया जैसे अनेक देशों का भ्रमण किया और 1977 के स्विट्जरलैण्ड में हुए, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 68वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। 1985 में अखिल चाइना ट्रेड यूनियन फेडरेशन के निमंत्रण पर, भारतीय मजदूर संघ के पॉच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए, उन्होंने चीन में जो भाषण दिया, उसे बीजिंग रेडियो से भी प्रसारित किया गया। अमेरिका व ब्रिटेन सहित विश्व के अनेक देशों ने उनके कौशल का लोहा मानते हुए, उन्हें अपने -अपने देशों में व्याप्त मजदूरों व किसानों से सम्बन्धित समस्याओं के अध्ययन व् समाधान हेतु आमंत्रित किया। विश्व पटल पर वे इन विषयों के विशेषज्ञ माने जाते थे।

प्रखर सोच व उत्तम विचारों के धनी श्री दत्तोपंत जी ने हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में लगभग सौ से अधिक पुस्तकों का लेखन किया। उनकी कृतियों में ‘राष्ट्र’, ‘ध्येयपथ पर किसान’, ‘तत्व जिज्ञासा’, ‘विचार सूत्र’, ‘संकेत रेखा’, ‘Third Way’, ‘एकात्म मानववाद-एक अध्ययन’, ‘डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर’, ‘सप्त क्रम लक्ष्य और कार्य’ आदि प्रमुख थीं।

50 वर्ष से अधिक समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सृजनात्मक कार्यो के लिए, एक विस्तृत पृष्ठ भूमि तैयार करते हुए, उन्होंने भारतीय किसान संघ, सामाजिक समरसता मंच, सर्व पंथ समादर मंच, स्वदेशी जागरण मंच, संस्कार भारती, अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद, भारतीय विचार केंद्र, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत आदि संगठनों का निर्माण किया। देश का शायद ही कोई ऐसा मजदूर संगठन होगा, जिसे दत्तोपंत जी का मार्गदर्शन न मिला हो। समाज के कमजोर वर्गो यानि शोषित श्रम-जीवियों की हालत सुधारने के लिए, केवल वैचारिक योगदान ही नहीं दिया, बल्कि देशभर में अन्याय, अत्याचार, विषमता और दीनता से जूझने के लिए, कर्मठ व लगनशील कार्यकर्ताओं का निर्माण भी किया।

कम्युनिस्ट समेत अनेक विचार-धाराओं के शीर्ष नेताओं से उन्होंने आत्मीयता पूर्ण संबंध स्थापित किए। भण्डारा से जब बाबा साहेब अम्बेडकर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे, तब उनके चुनाव प्रभारी के नाते उन्होंने कार्यभार संभाला था। अम्बेडकर जी से घनिष्ट संबन्धों के चलते, उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में श्री बाबासाहेब अम्बेडकर पर एक पुस्तक भी लिखी।

पद्म भूषण लेने से इनकार

वे ऐसे महा-पुरुष थे, जो प्रसिद्धि व प्रतिष्ठा की आकांक्षा से कोसों दूर थे। सन 2003 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर, उन्हें प्रसिद्ध भारतीय सम्मान पद्म भूषण के लिए चुना गया, किन्तु उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम को एक पत्र लिख कर, इसे लेने के लिए असमर्थता प्रकट करते हुए कहा कि वह स्वयं को इस अलंकरण के योग्य नहीं समझते। उन्होंने कहा है कि सरकार को यदि कोई अलंकरण देना ही था, तो उसे सर्वप्रथम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जन्मदाता डा. केशवराव बलीराम हेडगेवार और संघ का कार्य देश विदेश में फैलाने वाले श्री माधव सदाशिव राव गोलवलकर (श्री गुरूजी) को भारत रत्न से अलंकृत किया जाना चाहिए था। वे तो संघ परिवार की मात्र एक शाखा के अगुआ भर रहे हैं।

उनको श्रद्धांजलि देते हुए, विवेकानंद केन्द्र (कन्याकुमारी) के अध्यक्ष एवं भारतीय विचार केन्द्रम के निदेशक श्री पी. परमेश्वरन ने लिखा है कि वे एक प्रखर विचारक, असाधारण संगठक और विद्वान तो थे ही, एक महान कार्यकर्ता भी थे। स्पष्ट तथ्यात्मकता के साथ वे एक ऐसे सिद्धान्तवादी थे, जो कभी समझौता नहीं करते। भारत का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन, 'भारतीय मजदूर संघ' उनके व्यावहारिक आदर्शवाद का जीता-जागता उदाहरण है। ऐसे समय में जब प्रत्येक राजनीतिक दल का एक श्रम प्रकोष्ठ था, ठेंगडी जी ने बड़े साहस के साथ किसी राजनीतिक दल से बिल्कुल असम्बद्ध रहने वाला, भारतीय मूल्यों के आधार पर श्रमिक संगठन खड़ा किया था। भारतीय मजदूर संघ की सफलता सिद्ध करती है, कि भारत को एक राष्ट्रवादी आंदोलन खड़ा करने के लिए, किसी विदेशी विचारधारा की जरूरत नहीं है। विचारों की स्पष्टता, अभिव्यक्ति की तीक्ष्णता और समझ की गहनता, उनको अपने समय की एक महानतम विभूति बनाती है। प्रसिद्धि-पराङगमुखता, उन्हें अन्य नेताओं व विभूतियों से बिल्कुल अलग, 'एक देदीप्यमान व्यक्तित्व' प्रदान करती थी। केवल संघ विचार परिवार में ही नहीं, उनके मित्र और प्रशंसक विश्व भर में हैं।

ऐसे राष्ट्र ऋषि को शत्-शत् नमन्।
राष्ट्र-ऋषि, ठेंगडीजी, विख्यात विचारक, लेखक, संघटक, भामसं जनक,
http://pratibhaprabandhanparinatidarpan.blogspot.in/2013/11/blog-post_9.html
देश की श्रेष्ठ प्रतिभा, प्रबंधन पर राजनिति के ग्रहण की परिणति दर्शाने का प्रयास | -तिलक संपादक