YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Saturday, March 12, 2016

A Festival by, The Art of Living International Centre

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श्री श्री रवि शंकर जी के दिल्ली में 3 दिवसीय सांस्कृतिक आयोजन 'जीवन की कला' का एक विहंगम दृश्य
भव्य समारोह 35 दर्शक देश विदेश के अतिथि शीर्ष कलाकार, क्या इनकी सुरक्षा करना अपराध है ? या उचित 

Friday, December 11, 2015

महान राष्ट्रकवि सुब्रमण्य भारती, 133 वीं जयन्ती

Image result for सुब्रमण्य भारतीमहान राष्ट्रकवि सुब्रमण्य भारती, 133 वीं जयन्ती 
सुब्रमण्य भारती, சுப்பிரமணிய பாரதி ரஷ்ற்றகவி, 
जन्म दिवस 11 दिसं 2015  न दि 
बात चाहे साहित्य की हो या राजनीति की, गद्य की हो या पद्य की, तमिल की हो या अंग्रेजी की, सुब्रमण्य भारती का कोई सानी दृष्टी में नहीं आता। भारत के महान कवियों में सुविख्यात भारती ने मात्र साहित्य के क्षेत्र में ही अपना बहुमूल्य योगदान नहीं दिया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में भी उन्होंने अपना परचम लहराया। महाकवि भारती अथवा महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जुड़े सेनानी, समाज सुधारकपत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु समान थे। जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, श्री अरविंद और वीवीएस अय्यर जैसी शीर्ष नायकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारत को दासत्व की बेड़ियों से बाहर निकालने का प्रयास किया। 
Image result for सुब्रमण्य भारतीआधुनिक तमिल साहित्य का जनक और केंद्र बिंदु, सुब्रमण्य भारती गद्य और पद्य लेखन में काफी परिपक्व थे। उन्होंने कई लघु कथाएं भी लिखी थीं। उन्होंने तमिल कविता में एक नई शैली 'पुथुक्कविताई' अर्थात आधुनिक कविता की रचना की थी। तमिल सबसे मधुर भाषा करार देने वाले भारती ने, एक कविता लिखी थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि आज तक उन्होंने तमिल से मधुर भाषा नहीं देखी। भारती तमिल के साथ−साथ तेलुगु, बंगाली, हिन्दी, संस्कृत, फ्रेंच और अंग्रेजी में भी निपुण थे। 
तमिलनाडु के 'एट्टायापुरम' गांव में 11 दिसंबर 1882 को तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे सुब्रमण्य की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई। जब वह मात्र 11 वर्ष के थे, तो उन्हें एक कवि सम्मेलन में बुलाया गया और जहाँ उन्होंने कविता पाठ से प्रभावित किया। मेधावी छात्र होने के नाते वहां के राजा ने उन्हें ‘भारती’ की उपाधि दी। 1898 में वे उच्च शिक्षा के लिये बनारस चले गये। आगामी चार वर्ष उनके जीवन में ‘‘खोज’’ के वर्ष थे। बनारस प्रवास की अवधि में उनका हिन्दू अध्यात्म व राष्ट्रप्रेम से साक्षात्कार हुआ। सन् 1900 तक वे भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में पूरी तरह जुड़ चुके थे और भगिनी निवेदिताअरविंद और वंदे मातरम् के गीत ने भारती के भीतर आजादी की भावना को और पल्लवित किया। 
जहां तक सुब्रमण्य के पत्रकारिता जीवन की बात है, तो वह भी अपने आप में काफी गौरवशाली रहा। भारती ही देश के एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने पहली बार अपने समाचारपत्र में प्रहसन और राजनीतिक कार्टूनों को स्थान दिया।भारती ने स्वतंत्रता संग्राम में बहुत ही  महत्वपूर्ण योगदान दिया था और कई बार जेल यात्रा भी की थी। भारती जब पांडिचेरी में थे तो उन्होंने श्री अरविंद के साथ मिलकर काम किया था और वे दोनों बड़े अच्छे मित्र थे। जीवन के हर क्षेत्र में अपना महत्व रखने वाले भारती का देहांत, बड़े ही मार्मिक ढंग से हुआ। वास्तव में, जिस हाथी को वह प्रति दिन चारा खिलाया करते थे, उसी ने उन्हें कुचल दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और इस घटना के कुछ ही दिनों बाद 11 सितंबर 1921 को उनका देहांत हो गया। 
प्रमुख रचनाएँ  ‘स्वदेश गीतांगल’ (1908) तथा ‘जन्मभूमि’ (1909) उनके देशभिक्तपूर्ण काव्य माने जाते हैं, जिनमें राष्ट्रप्रेम् और ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति ललकार के भाव स्पष्ट हैं। एक कविता में भारती ने ‘भारत का जाप करो’ की राह दी है।
तुम स्वयं ज्योति हो मां,
शौर्य स्वरूपिणी हो तुम मां,
दुःख और कपट की संहारिका हो मां,
तुम्हारी अनुकम्पा का प्रार्थी हूं मैं मां।
(डॉ॰ भारती की कविता ‘मुक्ति का आह्वान’ से)
‘एक होने में जीवन है। यदि हमारे बीच ऐक्य भाव नहीं रहा, तो सबकी अवनति है। इसमें हम सबका सम्यक उद्घार होना चाहिए। उक्त ज्ञान को प्राप्त करने के बाद हमें और क्या चाहिए?’
हम दासत्व रूपी धन्धे की शरण में प़डकर, बीते हुए दिनों के लिए मन में लिज्जत होकर, द्वंद्वों एवं निंदाओं से निवृत्त होने के लिए; इस गुलामी की स्थिति को (थू कहकर) धिक्कारने के लिए ‘वंदे मातरम्’ कहेंगे। 
काश ! तमिल अपने प्रेरणा पुञ्ज से प्रकाशित हो कर, अपनी ऊर्जा को जागृत कर, 
जड़ों को सुदृढ़ करे। उस राष्ट्र भक्त की जयंती का यही सच्चा उपहार होगा। युगदर्पण 

Tuesday, November 17, 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9910774607, 01125835525.

Thursday, January 22, 2015

मीडिया एक जनून

मीडिया एक जनून 
युग दर्पण एक व्यवसाय नहीं, अपितु स्वस्थ मीडिया के लिए जनून है। एक व्यवसाय का संहार हो सकता है किन्तु एक सृजनात्मक जनून का नहीं। सन 2001 से पंजी युगदर्पण राष्ट्रिय साप्ताहिक समाचार पत्र हिंदी में लघु आकार सम्पूर्ण व स्वस्थ समाचार, संस्कार युक्त विचार तथा 2010 से इंटरनेट से जुड़ा तो 70 देशों में एक विशिष्ठ पहचान अर्जित की है, जिसमे विविध विषयों के 30 ब्लॉग फेसबुक में 9 समूह 7 समुदाय पेज ट्वीटर रेडिफ शामिल है। ऑरकुट भी था। तथा 5 नेट चैनल हैं। 
Media my Passion 
Yug Darpan is not a professionbut the passion for Healthy Media. A profession may destruct but a passion can't, will never die YDMS.
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Friday, November 21, 2014

प्रमुख आआप नेता एम.एस. धीर भाजपा में

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और प्रमुख आआप नेता एम.एस. धीर भाजपा में
Displaying 3.JPGयुदस न.दि, 21 नवं। दिल्ली विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष और एक प्रमुख आआप नेता सरदार एमएस धीर और भारत के प्रतिष्ठित टेनिस खिलाड़ी रोहित राजपाल, अपने समर्थकों के साथ दिल्ली भाजपा में प्रदेश प्रभारी प्रभात झा और प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय की उपस्थिति में शामिल हो गए। तब आगामी विधानसभा चुनावों में एक ओर यह आआप झटका दूसरी ओर दिल्ली को भाजपा पूर्ण बहुमत की दिशा में एक बड़ी सफलता की शक्ति मिल रही है।
आज प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में धीर ने कहा कि वह पूरी तरह से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नीति 'सबका साथ, सबका विकास' में विश्वास रखते है। वह नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में विकास की गति से बहुत प्रभावित है और वह किसी भी पूर्व शर्तों के बिना भाजपा में शामिल हो गये है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली पर प्रश्न भी उठाए।
प्रेस वार्ता में सतीश उपाध्याय ने कहा कि राजपाल एक खिलाड़ी और उपाध्यक्ष दिल्ली लॉन टेनिस एसोसिएशन भी है, अतः भाजपा में शामिल होने से युवाओं के बीच युवा नेता के रूप में अपनी भाजपा को बल प्रदान करेगा।
प्रभात झा के अनुसार विभिन्न दलों, समुदायों, नेताओं और लोगों के भाजपा में शामिल होने की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है और यह भविष्य में भी जारी रहेगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आये, सिख समुदाय के वर्तमान के लोगों के बीच भी उत्साह था। सांसद रमेश बिधूड़ी, वरिष्ठ नेता साहिब सिंह चौहान, प्रो जगदीश मुखी, महासचिव श्रीमती रेखा गुप्ता आदि नेताआज संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे।

Sunday, November 9, 2014

मोदी मंत्रिमंडल का प्रथम विस्तार आज

मोदी मंत्रिमंडल का प्रथम विस्तार आज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने त्रिस्तरीय मंत्रिमंडलका आज प्रथम विस्तार किया हैं।  दोपहर 1.30 बजे राष्ट्रपति भवन स्थित दरबार हॉल हुए शपथ ग्रहण समारोह से पूर्व मोदी सभी संभावित मंत्री, प्र मं निवास पहुंचें और प्रात: 9.30 बजे चाय के मध्य इन नेताओं से चर्चा हुई। कुछ मंत्रियों पर काम के दबाव को कम करने हेतु मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जा रहा है।  
लोकसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक विजय के नायक प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए मोदी के भाजपा नीत मई में गठित 46 सदस्यीय मंत्रि मंडल में गोपी नाथ मूंडे के सड़क दुर्घटना में स्वर्गवास पर संख्या 45 रह गई थी।  मंत्रिमंडल के प्रथम विस्तार तथा पुनर्गठन में 16 नए चेहरे शामिल किये गए हैं। 24 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र आरम्भ होने से पूर्व विस्तार किया जा रहा है, जिससे नए मंत्रियों को मंत्रालय की कायर्शैली समझने का समय मिल सके। 
मोदी सरकार में कुल 22 कैबिनेट मंत्री तथा 22 राज्य मंत्री हैं, जिनमें से कुछ स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री हैं। कई वर्तमान में छ: मंत्री एक से अधिक मंत्रालयों का दायित्व संभाल रहे हैं। 
मोदी मंत्रिमंडल के 21 नए मंत्रियों में चार कबीना, तीन स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री और 14 राज्य मंत्री बनाए गए इसके साथ ही मोदी मंत्रिमंडल में कुल 66 मंत्री हो गए हैं।  नए 21 मंत्रियों के नाम इस प्रकार है :
कबीना-मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री गोवाजे.पी.नड्डा (हिमाचल प्रदेश), पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु तथा चौधरी बीरेंद्र सिंह।स्वतंत्र प्रभार- तेलंगाना से बंगारू दत्तात्रेय, एवं उत्तर प्रदेश से राजीव प्रताप रूडी तथा महेश शर्मा। 
14 राज्य मंत्री - मुख्तार अब्बास नकवी, रामशंकर कथेरिया, व साध्वी  निरंजन ज्योति (उत्तर प्रदेश), पाटलीपुत्र से राम कृपाल यादव व गिरिराज सिंह (बिहार), हरिभाई पार्थीभाई चौधरी, व मोहनभाई कुंदेरिया (गुजरात), जयंत सिन्हा (झारखंड), ओलंपिक पदक विजेता राजवर्धन सिंह राठौर तथा सांवर लाल जाट (राजस्थान) महाराष्ट्र के चंद्रपुर के सांसद हंसराज गंगाराम अहीर, विजय सांपला (पंजाब), गायक बाबुल सुप्रियो, तथा वाई एस चौधरी व्यवसायी, तेलुगू देशमपार्टी (टीडीपी) से राज्यसभा सांसद और मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू के विश्वस्त माने जाते हैं
  29 अगस्त क़ो कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये, चौधरी बीरेंद्र सिंह (हरियाणा) ग्रामीण विकास मंत्री बनाए जा सकते हैं।शिवसेना से आज ही भाजपा में प्रविष्ट, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में अपने कार्य से ख्याति अर्जित कर चुके, संभावित रेल मंत्री।गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को त्यागपत्र दे दिया और उन्हें मोदी सरकार में रक्षा मंत्री बनाए जाने की संभावना हैं।  भाजपा सूत्रों ने कहा कि पर्रिकर को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजा जा सकता है। सुरेश प्रभु को संभवत: सौंपा जा सकता है। 
दत्तात्रेय सिकंदराबाद तेलंगाना से एकमात्र सांसद तथा भाजपा के उपाध्यक्ष हैं। 

Wednesday, November 5, 2014

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

प्रकाशपर्व की बधाइयाँ

गुरुनानक जयंती पर विशेष 
जो बोले सो निहाल सतश्री अकाल 
132235549अखिल विश्व में बसे गुरुसिख, उनके दिल बसे नानक देव। सभी को प्रकाशपर्व की कोटि कोटि बधाइयाँ, शुभकामनाये, -तिलक समस्त युगदर्पण मीडिया परिवार YDMS
गुरपूरब के पवित्र दिन का महत्व - इसे प्रकाश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन केशधारी व सेहजधारी गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी का अमृत, तथा कीर्तन अरदास करते हैं। इसके पूर्व प्रभात फेरियाँ निकली जाती हैं। गुरुद्वारों में अखंड लंगर तो 
कृ इस लिंक पर बटन दबाएं http://dharmsanskrutidarpan.blogspot.in/2014/11/blog-post.html
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,

योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक