YDMS चर्चा समूह

बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: :

Monday, April 4, 2011

नव संवत 2068 की शुभकामनाएं।


अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,

उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नवरात्रे जब जब आयें
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं;
खुशियों से ब्रहमांड तक को महकाएं
यह केवल एक कैलेंडर नहीं, प्रकृति से सम्बन्ध है;
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है 
तदनुसार 4 अप्रैल 2011, इस धरा की 1955885112वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ हुआ.आज के दिन का महात्य -

1.भगवन राम का राज्याभिषेक. 2.युधिस्ठिर संबत की शुरूवात.3 .बिक्रमादित्य का दिग्विजय. 4.बासंतिक नवरात्र की शुरूवात.5 .शिवाजी महाराज की राज्याभिषेक.6 .राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवर जी का जन्मदिन. 
ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे, धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म का कल्याण हो..
युगदर्पण परिवार की ओर से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित,चरअचर सभी के लिए गुडी पडवा, उगादी,
नव संवत 2068 की शुभकामनाएं
जय भबानी ,जय श्री राम,भारत माता की जय.
विश्व कप ने संकेत दिया है नव संवत भारत के लिए सुखद, मंगलकारी होगा 
तिलक संपादक युगदर्पण. .
(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें संपर्कसूत्र-09911111611,9911145678,9540007993. 

Saturday, February 19, 2011

विश्व कप क्रिकेट में पहले दिन भारत ने बंगला देश को उसके गृह प्रदेश में 87 रन से पीछे छोड़ते हुए विजयी शुभारम्भ का नाद किया; सभी भारतियों को बधाई !

Friday, December 31, 2010

अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं

अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं

 "अंग्रेजी का नव वर्ष, भले ही मनाएं; उमंग उत्साह, चाहे जितना दिखाएँ; चैत्र के नव रात्रे, जब जब भी आयें; घर घर सजाएँ, उमंग के दीपक जलाएं; आनंद से, ब्रह्माण्ड तक को महकाएं; विश्व में, भारत का गौरव बढाएं " अंग्रेजी का नव वर्ष 2011, व वर्ष के 365 दिन ही मंगलमय हों, भारत भ्रष्टाचार व आतंकवाद से मुक्त हो, हम अपने आदर्श व संस्कृति को पुनर्प्रतिष्ठित कर सकें ! इन्ही शुभकामनाओं के साथ, भवदीय.. तिलक संपादक युगदर्पण राष्ट्रीय साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र. 09911111611. 

Bangla... 

অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং 

 "অংগ্রেজী কা নব বর্ষ, ভলে হী মনাএং; উমংগ উত্সাহ, চাহে জিতনা দিখাএঁ; চৈত্র কে নব রাত্রে, জব জব ভী আযেং; ঘর ঘর সজাএঁ, উমংগ কে দীপক জলাএং; আনংদ সে, ব্রহ্মাণ্ড তক কো মহকাএং; বিশ্ব মেং, ভারত কা গৌরব বঢাএং " অংগ্রেজী কা নব বর্ষ 2011, ব বর্ষ কে 365 দিন হী মংগলময হোং, ভারত ভ্রষ্টাচার ব আতংকবাদ সে মুক্ত হো, হম অপনে আদর্শ ব সংস্কৃতি কো পুনর্প্রতিষ্ঠিত কর সকেং ! ইন্হী শুভকামনাওং কে সাথ, ভবদীয.. তিলক সংপাদক যুগদর্পণ রাষ্ট্রীয সাপ্তাহিক হিংদী সমাচার-পত্র. 09911111611. 
Tamil... அஂக்ரேஜீ கா நவ வர்ஷ, பலே ஹீ மநாஏஂ
 "அஂக்ரேஜீ கா நவ வர்ஷ, பலே ஹீ மநாஏஂ; உமஂக உத்ஸாஹ, சாஹே ஜிதநா திகாஏஂ; சைத்ர கே நவ ராத்ரே, ஜப ஜப பீ ஆயேஂ; கர கர ஸஜாஏஂ, உமஂக கே தீபக ஜலாஏஂ; ஆநஂத ஸே, ப்ரஹ்மாண்ட தக கோ மஹகாஏஂ; விஸ்வ மேஂ, பாரத கா கௌரவ படாஏஂ " அஂக்ரேஜீ கா நவ வர்ஷ 2011, வ வர்ஷ கே 365 திந ஹீ மஂகலமய ஹோஂ, பாரத ப்ரஷ்டாசார வ ஆதஂகவாத ஸே முக்த ஹோ, ஹம அபநே ஆதர்ஸ வ ஸஂஸ்கர்தி கோ புநர்ப்ரதிஷ்டித கர ஸகேஂ ! இந்ஹீ ஸுபகாமநாஓஂ கே ஸாத, பவதீய.. திலக ஸஂபாதக யுகதர்பண ராஷ்ட்ரீய ஸாப்தாஹிக ஹிஂதீ ஸமாசார-பத்ர. 09911111611.
"One may celebrate even English New Year, with exaltation and excitement; Chaitra Nav Ratre whenever it comes; decorate house, enlighten with lamps of exaltation; enjoy, even enrich the universe with Happiness; Increase the India's pride in the world, English New Year 2011 and all the 365 days of the year are auspicious, May India be free of corruption and terrorism, we can ReEstablish Ideals, values and culture ! with these good wishes, Sincerely .. Tilak editor YugDarpan Hindi national weekly newspaper. 09,911,111,611.
"Angrezi ka nav varsh, bhale hi manayen; umang utsah, chahe jitna dikhayen; chaitr ke nav ratre, jab jab bhi ayen; ghar ghar sajayen, umang ke deepak jalayen; Anand se, brahmand tak ko mahkayen; Vishva mein, Bharat ka gaurav badayen." Angrezi ka nav varsh 2011, v varsh ke 365 din hi mangalmay hon, Bharat bhrashtachar v atankvad se mukt ho, ham apne adarsh v sanskrutiko punrpratishthit kar saken ! inhi shubhakamanaon ke sath, bhavdiya.. Tilak Sampadak Yug Darpan Rashtriya Saptahik Hindi Samachar-Patra. 09911111611.

पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण

Saturday, September 11, 2010

आत्मग्लानी नहीं स्वगौरव का भाव जगाएं, विश्वगुरु

आत्मग्लानी नहीं स्वगौरव का भाव जगाएं, विश्वगुरु  मैकाले व वामपंथियों से प्रभावित कुशिक्षा से पीड़ित समाज का एक वर्ग, जिसे देश की श्रेष्ठ संस्कृति, आदर्श, मान्यताएं, परम्पराएँ, संस्कारों का ज्ञान नहीं है अथवा स्वीकारने की नहीं नकारने की शिक्षा में पाले होने से असहजता का अनुभव होता है! उनकी हर बात आत्मग्लानी की ही होती है! स्वगौरव की बात को काटना उनकी प्रवृति बन चुकी है! उनका विकास स्वार्थ परक भौतिक विकास है, समाज शक्ति का उसमें कोई स्थान नहीं है! देश की श्रेष्ठ संस्कृति, परम्परा व स्वगौरव की बात उन्हें समझ नहीं आती! 
 किसी सुन्दर चित्र पर कोई गन्दगी या कीचड़ के छींटे पड़ जाएँ तो उस चित्र का क्या दोष? हमारी सभ्यता  "विश्व के मानव ही नहीं चर अचर से,प्रकृति व सृष्टि के कण कण से प्यार " सिखाती है..असभ्यता के प्रदुषण से प्रदूषित हो गई है, शोधित होने के बाद फिर चमकेगी, किन्तु हमारे दुष्ट स्वार्थी नेता उसे और प्रदूषित करने में लगे हैं, देश को बेचा जा रहा है, घोर संकट की घडी है, आत्मग्लानी का भाव हमे इस संकट से उबरने नहीं देगा. मैकाले व वामपंथियों ने इस देश को आत्मग्लानी ही दी है, हम उसका अनुसरण नहीं निराकरण करें, देश सुधार की पहली शर्त यही है, देश भक्ति भी यही है !
भारत जब विश्वगुरु की शक्ति जागृत करेगा, विश्व का कल्याण हो जायेगा !

Sunday, September 5, 2010

राष्ट्र मंडल खेल आयोजन और दिल्ली

राष्ट्र मंडल खेल आयोजन और दिल्ली     -तिलक राज रेलन आजाद 
जानकारी मिली दिल्ली सरकार से,
कभी पढ़ा था हमने किसी अख़बार से, 
राष्ट्र मंडल खेलों का आयोजन होगा,
दिल्ली पर 55 हज़ार करोड़ का व्यय होगा!

दिन महीने वर्ष बीत गए उस शुभ घडी की प्रतीक्षा में,
पता नहीं कौन से पाठ पढ़े थे नेताओं ने अपनी शिक्षा में,
दिल्ली का रंग रूप तो इस आयोजन की तैयारी में भी
बदल नहीं पाया, चुक गयी सारी निधी जाने किस भिक्षा में

इतनी राशी मुझे जो मिल जाती
बिजली- पानी, सड़क भी खिल जाती
दिल्ली यूँ भाग्य पर नहीं रोती
इसके ठहाकों से दुनिया हिल जाती

सारा ढांचा बदल के रख देता 
दिल्ली दुल्हन बना के रख देता
देखते जिस ग़ली, सड़क की तरफ 
नज़ारों पर नज़र फिसल जाती  

ऐसा होना तो तब ही संभव था 
बईमानी होना जहाँ असंभव था 
नेता हो और बईमानी भी न करे?
ऐसा होना ही तो असंभव था!

कैसा वो करार था और कैसा वो समय होगा
देश के यश का वास्ता दिया मगर अपयश होगा 
मदमस्त बेखबर से बैठे है सब क्यों 'तिलक'
यश हो अपयश किसी पे इसका असर कहाँ होगा?

सौभाग्य ऐसा नहीं है दिल्ली का 
छींका*लिखा पड़ा है बिल्ली का 
(छींका -मलाई की हंडिया)
छींका लिखा पड़ा है बिल्ली का
छींका लिखा.....

"अंधेरों के जंगल में,दिया मैंने जलाया है ! इक दिया,तुम भी जलादो;अँधेरे मिट ही जायेंगे !!" युगदर्पण

Monday, May 17, 2010

पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है-युगदर्पण

Wednesday, April 14, 2010

चन्दन तरुषु भुजन्गा
जलेषु कमलानि तत्र च ग्राहाः
गुणघातिनश्च भोगे
खला न च सुखान्य विघ्नानि
Meaning:
We always find snakes and vipers on the trunks of sandal wood trees, we also find crocodiles in the same pond which contains beautiful lotuses. So it is not easy for the good people to lead a happy life without any interference of barriers called sorrows and dangers. So enjoy life as you get it.
Courtesy: रामकृष्ण  प्रभा   (धूप-छाँव)
विश्व गुरु भारत की पुकार:-
विश्व गुरु भारत विश्व कल्याण हेतु नेतृत्व करने में सक्षम हो ?
इसके लिए विश्व गुरु की सर्वांगीण शक्तियां जागृत हों ! इस निमित्त आवश्यक है अंतरताने के नकारात्मक उपयोग से बड़ते अंधकार का शमन हो, जिस से समाज की सात्विक शक्तियां उभारें तथा विश्व गुरु प्रकट हो! जब मीडिया के सभी क्षेत्रों में अनैतिकता, अपराध, अज्ञानता व भ्रम का अन्धकार फ़ैलाने व उसकी समर्थक / बिकाऊ प्रवृति ने उसे व उससे प्रभावित समूह को अपने ध्येय से भटका दिया है! दूसरी ओर सात्विक शक्तियां लुप्त /सुप्त /बिखरी हुई हैं, जिन्हें प्रकट व एकत्रित कर एक महाशक्ति का उदय हो जाये तो असुरों का मर्दन हो सकता है! यदि जगत जननी, राष्ट्र जननी व माता के सपूत खड़े हो जाएँ, तो यह असंभव भी नहीं है,कठिन भले हो! इसी विश्वास पर, नवरात्रों की प्रेरणा से आइये हम सभी इसे अपना ध्येय बनायें और जुट जाएँ ! तो सत्य की विजय अवश्यम्भावी है! श्रेष्ठ जनों / ब्लाग को उत्तम मंच सुलभ करने का एक प्रयास है जो आपके सहयोग से ही सार्थक /सफल होगा !
अंतरताने का सदुपयोग करते युगदर्पण समूह की ब्लाग श्रृंखला के 25 विविध ब्लाग विशेष सूत्र एवम ध्येय लेकर blogspot.com पर बनाये गए हैं! साथ ही जो श्रेष्ठ ब्लाग चल रहे हैं उन्हें सर्वश्रेष्ठ मंच देने हेतु एक उत्तम संकलक /aggregator है deshkimitti.feedcluster.com ! इनके ध्येयसूत्र / सार व मूलमंत्र से आपको अवगत कराया जा सके; इस निमित्त आपको इनका परिचय देने के क्रम का शुभारंभ (भाग--1) युवादर्पण से किया था,अब (भाग 2,व 3) जीवन मेला व् सत्य दर्पण से परिचय करते हैं: -
2)जीवनमेला:--कहीं रेला कहीं ठेला, संघर्ष और झमेला कभी रेल सा दौड़ता है यह जीवन.कहीं ठेलना पड़ता. रंग कुछ भी हो हंसते या रोते हुए जैसे भी जियो,फिर भी यह जीवन है.सप्तरंगी जीवन के विविध रंग,उतार चढाव, नीतिओं विसंगतियों के साथ दार्शनिकता व यथार्थ जीवन संघर्ष के आनंद का मेला है- जीवन मेला दर्पण.तिलक..(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,09911145678,09540007993.
3)सत्यदर्पण:- कलयुग का झूठ सफ़ेद, सत्य काला क्यों हो गया है ?
-गोरे अंग्रेज़ गए काले अंग्रेज़ रह गए! जो उनके राज में न हो सका पूरा,मैकाले के उस अधूरे को 60 वर्ष में पूरा करेंगे उसके साले! विश्व की सर्वश्रेष्ठ उस संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है.देश को लूटा जा रहा है.! भारतीय संस्कृति की सीता का हरण करने देखो साधू/अब नारी वेश में फिर आया रावण.दिन के प्रकाश में सबके सामने सफेद झूठ;और अंधकार में लुप्त सच्च की खोज में साक्षात्कार व महाचर्चा से प्रयास - तिलक.(निस्संकोच ब्लॉग पर टिप्पणी/अनुसरण/ निशुल्क सदस्यता व yugdarpanh पर इमेल/ चैट करें,संपर्कसूत्र-तिलक संपादक युगदर्पण 09911111611,9911145678,09540007993.